Saturday, December 25, 2010

अटल...

अटल इरादे ,अटल विचार ,ह्रदय में बसते इनके श्री राम
मस्तक ऊँचा ,तेज प्रखर ,भारत के ये सपूत महान
सत्ता की न भूख इन्हें  माटी की ममता माथे पर
संयुक्त राष्ट्र संघ  में बोले हिंदी में कर ऊँचा स्वर
तुच्छ राजनीती से उपर उठ कर ,गए लाहौर बस लेकर
हुआ पीछे से वार कारगिल में ,जवाब दिया इन्हों ने डटकर
हुर्रियत  को  डेल्ही  बुलाया,मन  में  शांति  का  सपना  बो  कर
कहा  दो  टुक -कश्मीर  भारत का  है , रहो  यहीं  के  बनकर
गाँव  गाँव  तक  सड़के  पहुंची ,जगमग  जलता  देश  मेरा
भारत की नयी पहचान  बनायीं ,किया  इन्होने  नया  सवेरा
कश्मीर  में  सर्प विनाश  चलाया , अफज़ल  को  फांसी  की सजा दिलाई
हजारों सिमी नेताओं  को प्रेम से  देश प्रेम  की  छड़ी  लगाई
ललकारा पाकिस्तान इन्होने , देश प्रेम की हवा चलाई
आज़ादी की आजाद इन्होने ,15 अगस्त से निकल बाहर आई
अमेरिका का दबाव न देखा ,उठकर की उसकी  बुराई
वर्ल्ड बैंक को उसकी  ही अपनी  सभा  में खरी खरी  सुनाई
जिसने मिटटी के कण कण में मां देखी,न फिर  ऐसा बेटा होगा
सुनलो ऐ भारतवालों फिर युगों युगों तक न कोई ऐसा नेता होगा

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